का वास्वविक फल तथा वृत्त का क्षेत्रफल निकलने की रीति बतलाई।
3.
आर्यभट्ट ने ही सर्वप्रथम p का वास्वविक फल तथा वृत्त का क्षेत्रफल निकलने की रीति बतलाई।
4.
आर्यभट्ट ने ही सर्वप्रथम पाई का वास्वविक फल तथा वृत्त का क्षेत्रफल निकलने की रीति बतलाई।
5.
वैसे तो अब भी सीमा की कल्पना बिल्कुल नई न थी, क्योंकि ज्यामिति में वृत्त का क्षेत्रफल उसके अंतर्लिखित बहुभुज की सीमा मानकर किया जाता था तथा बेलन और शंकु का घनफल समपार्श्व और सूचीस्तंभ की सीमा मानकर।
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वैसे तो अब भी सीमा की कल्पना बिल्कुल नई न थी, क्योंकि ज्यामिति में वृत्त का क्षेत्रफल उसके अंतर्लिखित बहुभुज की सीमा मानकर किया जाता था तथा बेलन और शंकु का घनफल समपार्श्व और सूचीस्तंभ की सीमा मानकर।
7.
आर्यभट ने जो सूत्र त्रिभुज और वृत्त का क्षेत्रफल निकालने के लिये दिये, वे तो पूर्णतः सही है, लेकिन, एक गोले और पिरामिड के आयतन के लिये दिये गये सूत्र को कई विद्वानो ने गलत बताया है| उदाहरण के लिये, गणितपाद (15) मे आर्यभट ने पिरामिड के आयतन के लिये